गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय । कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥ - Latest Mahiti

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गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय । कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥


गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय ।
कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥

कबीर दास के दोहे

 गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय ।
कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥

हिंदी अर्थ :- साधु को व्यवहार में भी गुरु की आज्ञानुसार ही आना-जाना चाहिए। कबीरदास जी कहते हैं कि सन्त वही है जो जन्म-मृत्यु से छुटकारा पाने हेतु मोक्ष के लिए साधना करता है। 



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