पाटीदार समाज का सम्पूर्ण इतिहास एवं संस्कृति | - Latest Mahiti

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पाटीदार समाज का सम्पूर्ण इतिहास एवं संस्कृति |


पाटीदार समाज का सम्पूर्ण इतिहास एवं संस्कृति

Patidar पाटीदार कौन है?

Patidar: पाटीदार 'पटेल और चौधरी' की तरह पदवी का नाम है यह कोई जाति विशेष का प्रतिक नहीं है। पाटीदार उत्तरी गुजरात व दक्षिणी राजस्थान के क्षेत्रों में निवास करनेे वाले लोगों को मिली उपाधि का प्रमाण हैं।
Who is Patidar पाटीदार समाज की जानकारी
पाटीदार की संपूर्ण जानकारी

पाटीदार की परिभाषा : -

'सेंसज ऑफ इंडिया' 1961, सर्वे ऑफ वीलेज ट्वाडिया, डिस्ट्रिक्ट मेहसाणा तालुका सिद्धपुर, पेज 6 में अंग्रेजी भाषा में इस प्रकार लिखीं हुईं है : -

"Patidars are so called form their owning or holding the pati or piece of land."
-:अर्थात् :-

'पाटीदारों' का नाम उनके द्वारा पटी या भू - भाग के दातव्य या रखने के कारण हुआ है।

पाटीदार का अर्थ:-

☞ पाटी = पटी या भु-भाग
☞ दार = दातव्य या धारक

अर्थात् पाटीदार का अर्थ उनके द्वारा पटी या भुमी के दातव्य या रखने के कारण इनको पाटीदार कहा जाता है ।

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पाटीदार समाज की उत्पत्ति :

Patidar की उत्पत्ति = कणबी (कलबी) शब्द से हुई है ।

इनको प्राचीन काल में "कृषक क्षत्रिय " भी कहा जाता था जो कृषी के साथ - साथ जरूरत पड़ने पर युद्ध भी किया करते थे। 

लगभग 14 वीं 15 वीं  शताब्दी के आसपास  कुलबी आँजणा के अलावा अन्य किसी जाति अथवा धर्म के व्यक्तियों को पाटीदार बनाया जाने का रिवाज था ।

जिसमें अन्य कुल या धर्म के लोगों को सम्मिलित कर एक सामूहिक सम्मानजनक समुह बन गया। 

इससे यह स्पष्ट होता है कि पाटीदार कोई जाति विशेष नहीं है। बल्कि एक सामूहिक लोगों का संगठन है।

इनका निवास स्थान प्राचिन काल में काईरा जिले के चरोत्तर क्षेत्र के आसपास था जो वर्तमान में खेड़ा जिले में स्थित है।

वहां के पाटीदारों ने अधिक महत्व प्राप्त कर इनके दो प्रमुख समूह उपजे जो इस प्रकार है : -


1. लेवा या लेउवा

2. कडवा या कड़वा


  इनका नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पुत्र :- लव - लेउवा और  कुश - कड़वा के नाम पर रखा माना जाता है। इन दोनों समूहों के धार्मिक स्थल और कुलदेवी अलग - अलग है।


पाटीदार शब्द की परिभाषा : 

"सेंसस ऑफ इंडिया 1961, पेज 6 पर लिखा है : -

"The for main sub - castes aim any patidar are Leva,Kadva, Anjana and Uda.

 

-: अर्थात् : -

'पाटीदारों में चार उप - शाखायें जो लेवा, कडवा, आँजणा, और उदा है। '

 

Patidar को जाति समझना : -


 उक्त उदाहरण के अनुसार पाटीदार एक जाति समझकर उल्लेख किया है। कुछ लोग 'पाटीदार' नाम को जाति समझ लेते हैं लेकिन यह भ्रमयुक्त है। वास्तव में यह कोई जाति नहीं है बल्कि भुमी की पट्टी के मालिक का ही नाम ' Patidar ' है।

 देसाई और पाटीदार दोनों पदवियों के लोग उत्तरी गुजरात के काइत्तरा जिले के चरोत्तर क्षेत्र जो वर्तमान में खेड़ा जिले में और राजस्थान के क्षेत्रों में मिली होने का प्रमाण है।


लेवा पाटीदार कौन है? 

  • लेवा पाटीदार समाज के लोग कच्छ इलाके (गुजरात के पश्चिम क्षेत्र तटीय इलाका है ) के राजकोट, जूनागढ, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर जामनगर और भावनगर में निवास करते हैं। 
  • इनकी कुलदेवी खोडियार माता है।
  •  इनका धार्मिक स्थल सौराष्ट्र के कागवड गॉव में माँ खेडलधाम से प्रचलित है।


कड़वा पाटीदार कौन है?

  • कड़वा पाटीदार समुदाय के लोग उत्तर गुजरात के मेहसाणा अहमदाबाद विसनगर और कड़ी - कलोल के आसपास कि जगह पर निवास करते है।
  •  इनकी कुलदेवी उमिया माता है।
  •  इनका प्रमुख तीर्थस्थान उत्तर गुजरात के ऊँझा गाँव मे माँ उमिया संस्थान के नाम से प्रचलित है।


गुर्जर पाटीदार कौन है? : -


  • गुर्जर पाटीदार एक सम्मान्निय समाज है इनका निवास स्थान गुजरात, राजस्थान, पंजाब आदि राज्यों में निवास करते हैं। यह वीर गुर्जर होने के कारण इनके नाम पर गुजरात राज्य और गुजरॉवाला रखा गया।
  • यें वीर गुर्जर होने के कारण वर्तमान में Indain Armi में गुर्जर पाटीदारो की संख्या अधिक है।
  • गुर्जर शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द गुर्जर अर्थात् दुश्मनो का विनाश करने वाला ।
  • भारत में आया चीनी यात्री के ह्वेन्सान्ग  के अनुसार इनका इतिहास भी बड़ा रोचक है। वर्तमान के जालोर में स्थित भीनमाल गुर्जर साम्राज्य की राजधानी थी ।


पाटीदार का निवास :-


वर्तमान में पाटीदार गुजरात राज्य में बड़ी संख्या मे निवास करते है। 19 वीं शताब्दी में पाटीदार गुजरात के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और पूर्वी अफ्रीका मे भारी संख्या में Patidar निवास करते है।

पाटीदार समाज की वर्तमान में जनसंख्या :-

अधिकतर गुजरात, मध्यप्रदेश, और राजस्थान में निवास करने वाली जाती है। वर्तमान में पाटीदार समाज की जनसंख्या तकरीबन 27 करोड़ के आसपास है।

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2 Responses to "पाटीदार समाज का सम्पूर्ण इतिहास एवं संस्कृति |"

  1. महाराष्ट्र के जलगाव और बुलढाणा जिले मे लेवा पाटीदार समाज बडी संख्या मे बसता है। जीनका संबंध गुजराथ और राजस्थान से है। मुगल शासन काल मे ऊनके अत्याचारो और आक्रमणोसे तंग होकर ये लोग महाराष्ट्र के जलगाव जिले मे स्थाईक हुए॥
    जय महाकाली पावागड

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. महेश आपकी बात बिल्कुल सही है पाटीदार समाज आज मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान समेत पूरे विश्व में फैला है। जो आज उन्नति के पथ पर है।

      महेश जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद

      हटाएं

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