ऑंजणा शब्द का अर्थ | पटेल ऑंजणा समाज का इतिहास 2022
गुरुवार, 23 दिसंबर 2021
ऑंजणा शब्द का अर्थ
ऑंजणा का शाब्दिक अर्थ :-
ऑंजणा = अजाण्यु शब्द से बना है
अजाण्यु = अ + जानों अर्थात् अनजाना|
प्राय: ऑंजणा एक भौगोलिक जाति वाचक संज्ञा है जो गुजराती भाषा के अजाण्यु शब्द का अपभ्रंश हैं।
गुजराती भाषा में अजाण्यु का अर्थ अ+जानो अर्थात जो जाना न जाता हो अथवा अनजाना हो जिस किसी को भी नाम व आकृति से न जाना जाए उसको अजाण्यु कहा जाता हैं। जिस किसी का भी नाम न हो अथवा जो नाम से न जाना जाता हो उनको अजाण्यु कहा जाता हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप में ज्वाइन होने के लिए क्लिक करें
ऑंजणा शब्द का इतिहास
अजाण्यु शब्द से ही आगे चलकर ऑंजणा की उत्पत्ति हुई इसके संबंध में परंपरागत दंतकथा संख्या एक में "उबा जीके ऑंजना जीमा सो जाट" कहा जाता है । गुजराती भाषा में दंत कथा संख्या २ में भी भगवती द्वारा अनजान अथवा जिसको पहचाना ना जा सके उन बच्चों के संबंध में परशुराम जी को जानकारी देते समय यह कहा था की "ये तो अजाण्य बालक है इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि जिस किसी को भी पहचाना ना जा सके उसे अजाण्य या अजाण्यु कहते हैं इन्हीं अंजान या अजाण्ये अथवा अजानों शब्द का अपभ्रंश होकर आंजणा या ऑंजणा जाति वाचक शब्द बना है जो वर्तमान में ऑंजणा कहलाते हैं।
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों आज बस इतना ही आपको ऑंजणा के इतिहास की जानकारी कैसी लगी मुझे कमेंट करके जरूर बताए|