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शेयर बाजार के सामने आए दो बड़े खतरे! I Two big dangers faced by the stock market

शेयर बाजार के सामने आए दो बड़े खतरे|Two big dangers faced by the stock marke


  • अब तो सभी को पता है कि निवेश हुआ आसान और लाभदायक और अब शुरू करते हैं बात 

निवेश के आगे निवेश लाभदायक होता है बिल्कुल होता है लेकिन ट्रेडिंग अक्सर सांस अटका देती है खासकर ऐसे माहौल में जब ऊपर जाते जाते बाजार अचानक झटका देने लगे इस हफ्ते बाजार में दिखाई पड़ते हैं हालांकी कहना मुश्किल है कि मंदी का जो झटका आया है वह कितना लंबा चलेगा और कितनी दूर तक जाएगा लेकिन बाजार के सिफत है कि जब भी शेयरों के दाम गिरने लगते हैं तो बहुत से लोगों को बुखार चढ़ने लगता है तमाम लोग हिसाब जोड़ने लगते हैं कि कितना नुकसान हुआ और बहुत से जानकार बताने लगते हैं कि इस वक्त बाजार गिरने की क्या क्या वजह हो सकती हैं और वह क्या चीज है जिनकी वजह से बाजार अभी और बहुत गिर सकता है यह बात साफ समझ लीजिए कि बाजार का काम ही इस गणित को गलत साबित करना है लेकिन फिर भी हिसाब तो लगा नहीं पड़ता है और कई बार वह सही भी बैठता है इस वक्त क्या क्या चल रहा है दुनिया भर में जो शेयर बाजार को परेशान कर सकता है यही देख लेते हैं इस वक्त बाजार की चिंताएं ने भारत के शेयर बाजार की चिंताएं भारत में ही नहीं है भारत के बाहर से पैदा हो रही है ज्यादा बड़ी चिंता है वहां से आ रही है रुपए के मुकाबले डॉलर बढ़ने लगा है यानी डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर हो रहा है दूसरी तरफ कच्चे तेल के दाम पूरी तरह बेलगाम होते दिख रहे हैं पिछले 7 सालों की नई ऊंचाई पर है इस साल में ही 13%की तेजी आ चुकी है साल शुरू होने से लेकर अब तक और गोल्डमैन सेल्ट ने भविष्यवाणी कर दी है 6 या 8 महीने में दाम $100 तक पहुंच जाएगा और साल के अंत तक वही बना रहेगा उसका कहना है दूसरी तिमाही में $90 तीसरी तिमाही $95 में जाने वाला और उसके बाद दो-तीन माह तक $100 के आसपास कच्चे तेल का दाम ब्रेंट क्रूड के दाम बनारस सकता है कच्चे तेल का असर भी है और डॉलर में मजबूती की वजह से भी भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ता जा रहा है और दूसरी तरफ भारत का व्यापार घाटा भी चिंता दिखा रहा है


 भारत विदेशी व्यापार खरीद करता है उसमें भारत कितना सामान बेचता है कितने रुपए का और कितना खरीदना है अगर इसके बीच में और आप जो खरीद रहे हो ज्यादा है जो बेच रहे हैं वह कम है तो व्यापार घाटा है अगर आप जो बेच रहे हैं वह ज्यादा है तो खरीद रहे हैं वह कम है तो आपका मुनाफे का व्यापार है कुल मिलाकर बहुत सी चीजें लेनी पड़ती है इसलिए यह कहना गलत है कि फायदा नुकसान फायदे में रहना चाहिए लेकिन दिसंबर के महीने में जो भारत के व्यापार घाटे आए हैं पिछले साल के मुकाबले लगभग 38 साल से कच्चे तेल का व्यापार घाटा जोड़ लीजिए को कमजोर करने के लिए काफी लेकिन आपने कहावत सुनी होगी कि मुसीबत आती है तो अकेली नहीं आती अमेरिका में बॉन्ड ब्याज की दरें बढ़ रही है 2 साल की नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है और इस बात के आसार दिख रहे हैं (फैजरलिडन्स) अमेरिका का ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी कर सकता है और इसका भी सीधा असर फिर भारत के रुपए और डॉलर के रिश्ते पड़ेगा ही अगर ऐसा हुआ तो वह फर्क हुआ सर पढ़ना है रुपए बुरा हाल देखकर भी भारत में शेयर बाजार को कुछ कुछ काम सब हो रहा है और अगर बढ़ा दो पक्के तौर पर गिरावट यहां बहुत से लोग कहते हैं जो लोग हैं सबको सारे गणित गलत साबित करते हैं और ऐसे में भी दिखा देता है लेकिन इस वक्त आसार दिख रहे हैं जो चिंताएं दिख रहे हैं वह आपके सामने रखती हैं फैसला आपको करना है क्योंकि पैसा आपको लगाना है धन्यवाद



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