14 फरवरी 2022 स्कूल अवकाश - Latest Mahiti

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14 फरवरी 2022 स्कूल अवकाश


सरकारी स्कूलों में 3 दिन कि छुट्टी

13 फरवरी = रविवार
14 फरवरी = स्थानीय अवकाश
15 फरवरी

14 फरवरी  15 फरवरी 2022 तारीख को स्कूल स्थानीय अवकाश ॥
School on 14th February 2022
local holiday




बगताह गांव में गेहु के खेत मे प्लेन
तकनीकी खराबी के कारण
गेहूं के खेत में प्लेन लैंड करवाया अचानक
बोधगया के बगताह गांव में अचानक से जब सुबह को लोग सो कर उठे तो उन्हें खेत में छोटा जहाज दिखा हर कोई हैरान हो गया और यह खबर आग की तरह धीरे-धीरे करके पूरे गांव के लोग वहां पर इकट्ठे हो गएआपको बता दें कि छोटा प्लेन आर्मी की ट्रेनिंग लेने की तकनीकी खराबी की वजह से उसे खेत में लैंडिंग करवाया गया था और जैसे लोगों ने देखा कि प्लेन गिर रहा है आसपास के लोग गेहूं के खेत में पहुंचने लगे और धीरे-धीरे करके बहुत सारे लोग वहां पर करते हो गए को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और घटना के कुछ देर बाद आदमी के पास जा पहुंचे इसके बाद आलोक पायलट के प्लेन की बॉडी को अपने साथ ले गए गांव में लोग मस्ती करते नजर आ रहा था आपको यह बता दे कि ग्रामीणों द्वारा मस्ती करते हुए प्लेन को सड़क पर ले जाया गया



एरोप्लेन प्लेन प्लेन हवाई जहाज गेहूं के खेत में बकता हो गांव में



इन्हें भी पढ़ें




अब तो सभी को पता है कि निवेश हुआ आसान और लाभदायक और अब शुरू करते हैं बात 



निवेश के आगे निवेश लाभदायक होता है बिल्कुल होता है लेकिन ट्रेडिंग अक्सर सांस अटका देती है खासकर ऐसे माहौल में जब ऊपर जाते जाते बाजार अचानक झटका देने लगे इस हफ्ते बाजार में दिखाई पड़ते हैं हालांकी कहना मुश्किल है कि मंदी का जो झटका आया है वह कितना लंबा चलेगा और कितनी दूर तक जाएगा लेकिन बाजार के सिफत है कि जब भी शेयरों के दाम गिरने लगते हैं तो बहुत से लोगों को बुखार चढ़ने लगता है तमाम लोग हिसाब जोड़ने लगते हैं कि कितना नुकसान हुआ और बहुत से जानकार बताने लगते हैं कि इस वक्त बाजार गिरने की क्या क्या वजह हो सकती हैं और वह क्या चीज है जिनकी वजह से बाजार अभी और बहुत गिर सकता है यह बात साफ समझ लीजिए कि बाजार का काम ही इस गणित को गलत साबित करना है लेकिन फिर भी हिसाब तो लगा नहीं पड़ता है और कई बार वह सही भी बैठता है इस वक्त क्या क्या चल रहा है दुनिया भर में जो शेयर बाजार को परेशान कर सकता है यही देख लेते हैं इस वक्त बाजार की चिंताएं ने भारत के शेयर बाजार की चिंताएं भारत में ही नहीं है भारत के बाहर से पैदा हो रही है ज्यादा बड़ी चिंता है वहां से आ रही है रुपए के मुकाबले डॉलर बढ़ने लगा है यानी डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर हो रहा है दूसरी तरफ कच्चे तेल के दाम पूरी तरह बेलगाम होते दिख रहे हैं पिछले 7 सालों की नई ऊंचाई पर है इस साल में ही 13%की तेजी आ चुकी है साल शुरू होने से लेकर अब तक और गोल्डमैन सेल्ट ने भविष्यवाणी कर दी है 6 या 8 महीने में दाम $100 तक पहुंच जाएगा और साल के अंत तक वही बना रहेगा उसका कहना है दूसरी तिमाही में $90 तीसरी तिमाही $95 में जाने वाला और उसके बाद दो-तीन माह तक $100 के आसपास कच्चे तेल का दाम ब्रेंट क्रूड के दाम बनारस सकता है कच्चे तेल का असर भी है और डॉलर में मजबूती की वजह से भी भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ता जा रहा है और दूसरी तरफ भारत का व्यापार घाटा भी चिंता दिखा रहा है







 भारत विदेशी व्यापार खरीद करता है उसमें भारत कितना सामान बेचता है कितने रुपए का और कितना खरीदना है अगर इसके बीच में और आप जो खरीद रहे हो ज्यादा है जो बेच रहे हैं वह कम है तो व्यापार घाटा है अगर आप जो बेच रहे हैं वह ज्यादा है तो खरीद रहे हैं वह कम है तो आपका मुनाफे का व्यापार है कुल मिलाकर बहुत सी चीजें लेनी पड़ती है इसलिए यह कहना गलत है कि फायदा नुकसान फायदे में रहना चाहिए लेकिन दिसंबर के महीने में जो भारत के व्यापार घाटे आए हैं पिछले साल के मुकाबले लगभग 38 साल से कच्चे तेल का व्यापार घाटा जोड़ लीजिए को कमजोर करने के लिए काफी लेकिन आपने कहावत सुनी होगी कि मुसीबत आती है तो अकेली नहीं आती अमेरिका में बॉन्ड ब्याज की दरें बढ़ रही है 2 साल की नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है और इस बात के आसार दिख रहे हैं (फैजरलिडन्स) अमेरिका का ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी कर सकता है और इसका भी सीधा असर फिर भारत के रुपए और डॉलर के रिश्ते पड़ेगा ही अगर ऐसा हुआ तो वह फर्क हुआ सर पढ़ना है रुपए बुरा हाल देखकर भी भारत में शेयर बाजार को कुछ कुछ काम सब हो रहा है और अगर बढ़ा दो पक्के तौर पर गिरावट यहां बहुत से लोग कहते हैं जो लोग हैं सबको सारे गणित गलत साबित करते हैं और ऐसे में भी दिखा देता है लेकिन इस वक्त आसार दिख रहे हैं जो चिंताएं दिख रहे हैं वह आपके सामने रखती हैं फैसला आपको करना है क्योंकि पैसा आपको लगाना है धन्यवाद

शेयर बाजार के सामने आए दो बड़े खतरे|Two big dangers faced by the stock marke



अब तो सभी को पता है कि निवेश हुआ आसान और लाभदायक और अब शुरू करते हैं बात 

निवेश के आगे निवेश लाभदायक होता है बिल्कुल होता है लेकिन ट्रेडिंग अक्सर सांस अटका देती है खासकर ऐसे माहौल में जब ऊपर जाते जाते बाजार अचानक झटका देने लगे इस हफ्ते बाजार में दिखाई पड़ते हैं हालांकी कहना मुश्किल है कि मंदी का जो झटका आया है वह कितना लंबा चलेगा और कितनी दूर तक जाएगा लेकिन बाजार के सिफत है कि जब भी शेयरों के दाम गिरने लगते हैं तो बहुत से लोगों को बुखार चढ़ने लगता है तमाम लोग हिसाब जोड़ने लगते हैं कि कितना नुकसान हुआ और बहुत से जानकार बताने लगते हैं कि इस वक्त बाजार गिरने की क्या क्या वजह हो सकती हैं और वह क्या चीज है जिनकी वजह से बाजार अभी और बहुत गिर सकता है यह बात साफ समझ लीजिए कि बाजार का काम ही इस गणित को गलत साबित करना है लेकिन फिर भी हिसाब तो लगा नहीं पड़ता है और कई बार वह सही भी बैठता है इस वक्त क्या क्या चल रहा है दुनिया भर में जो शेयर बाजार को परेशान कर सकता है यही देख लेते हैं इस वक्त बाजार की चिंताएं ने भारत के शेयर बाजार की चिंताएं भारत में ही नहीं है भारत के बाहर से पैदा हो रही है ज्यादा बड़ी चिंता है वहां से आ रही है रुपए के मुकाबले डॉलर बढ़ने लगा है यानी डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर हो रहा है दूसरी तरफ कच्चे तेल के दाम पूरी तरह बेलगाम होते दिख रहे हैं पिछले 7 सालों की नई ऊंचाई पर है इस साल में ही 13%की तेजी आ चुकी है साल शुरू होने से लेकर अब तक और गोल्डमैन सेल्ट ने भविष्यवाणी कर दी है 6 या 8 महीने में दाम $100 तक पहुंच जाएगा और साल के अंत तक वही बना रहेगा उसका कहना है दूसरी तिमाही में $90 तीसरी तिमाही $95 में जाने वाला और उसके बाद दो-तीन माह तक $100 के आसपास कच्चे तेल का दाम ब्रेंट क्रूड के दाम बनारस सकता है कच्चे तेल का असर भी है और डॉलर में मजबूती की वजह से भी भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ता जा रहा है और दूसरी तरफ भारत का व्यापार घाटा भी चिंता दिखा रहा है



 भारत विदेशी व्यापार खरीद करता है उसमें भारत कितना सामान बेचता है कितने रुपए का और कितना खरीदना है अगर इसके बीच में और आप जो खरीद रहे हो ज्यादा है जो बेच रहे हैं वह कम है तो व्यापार घाटा है अगर आप जो बेच रहे हैं वह ज्यादा है तो खरीद रहे हैं वह कम है तो आपका मुनाफे का व्यापार है कुल मिलाकर बहुत सी चीजें लेनी पड़ती है इसलिए यह कहना गलत है कि फायदा नुकसान फायदे में रहना चाहिए लेकिन दिसंबर के महीने में जो भारत के व्यापार घाटे आए हैं पिछले साल के मुकाबले लगभग 38 साल से कच्चे तेल का व्यापार घाटा जोड़ लीजिए को कमजोर करने के लिए काफी लेकिन आपने कहावत सुनी होगी कि मुसीबत आती है तो अकेली नहीं आती अमेरिका में बॉन्ड ब्याज की दरें बढ़ रही है 2 साल की नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है और इस बात के आसार दिख रहे हैं (फैजरलिडन्स) अमेरिका का ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी कर सकता है और इसका भी सीधा असर फिर भारत के रुपए और डॉलर के रिश्ते पड़ेगा ही अगर ऐसा हुआ तो वह फर्क हुआ सर पढ़ना है रुपए बुरा हाल देखकर भी भारत में शेयर बाजार को कुछ कुछ काम सब हो रहा है और अगर बढ़ा दो पक्के तौर पर गिरावट यहां बहुत से लोग कहते हैं जो लोग हैं सबको सारे गणित गलत साबित करते हैं और ऐसे में भी दिखा देता है लेकिन इस वक्त आसार दिख रहे हैं जो चिंताएं दिख रहे हैं वह आपके सामने रखती हैं फैसला आपको करना है क्योंकि पैसा आपको लगाना है धन्यवाद








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