कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer) - Latest Mahiti

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कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer)


 कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer) 

1.1 प्रस्तावना (Introduction) कम्प्यूटर का आविष्कार बीसवीं सदी की एक महान उपलब्धि है। आज कम्प्यूटर को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। आज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें कम्प्यूटर का उपयोग नहीं किया जा रहा हो। वैज्ञानिक अनुसंधान व्यापार, उद्योग, पर्यावरण, मौसम विज्ञान, अन्तरिक्ष अभियान, संचार, यातायात चिकित्सा शिक्षा, मनोरंजन आदि सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग अपरिहार्य हो चुका है। विश्व भर के कम्प्यूटरों के परस्पर जुड़ाव से बने संचार तन्त्र 'इन्टरनेट" इतना प्रभावी रहा है कि इसने एक नए युग सूचना प्रौद्योगिकी युग" का सूत्रपात कर दिया है। आज के युग में कम्प्यूटर के बिना जीवन की कल्पना करना असम्भव है। इस सूचना प्रौद्योगिकी मानवता के विकास के सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर का योगदान रहा है। कम्प्यूटर ने अनेक जटिल समस्याओं को सुलझाया है तथा बहुत से असम्भव कार्यों को सम्भव बनाया है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए तो कम्प्यूटर अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि कम्प्यूटर राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 1.2 कम्प्यूटर क्या है (What is a Computer) 

कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के कम्प्यूट (Compute) शब्द से हुई जिसका अर्थ है-गणना या गिनती करना। वास्तव में कम्प्यूटर के आविष्कार का मूल उद्देश्य शीघ्र गणना करने वाली मशीन का निमार्ण करना ही था किन्तु आज कम्प्यूटर द्वारा किया जाने वाला 80 प्रतिशत से अधिक कार्य गणितीय या सांख्यकी प्रकृति का नहीं होता। अतः कम्प्यूटर को मात्र एक गणना करने वाली युक्ति (Device) के रूप में परिभाषित करना इसके 80 प्रतिशत कार्य को उपेक्षित करना है। कम्प्यूटर में गणना करने की क्षमता के आंतरिक्त तार्किक शक्ति एवं मैमोरी का भण्डार होता है तथा पलक झपकते ही यह निर्देशों की पालना कर सकता है। 

  • आज कम्प्यूटर की अधिमान्य परिभाषा निम्न है :-

कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसमें हम अपरिष्कृत आंकड़े देकर प्रोग्राम के नियन्त्रण द्वारा उन्हें अर्थपूर्ण सूचनाओं में परिवर्तित कर सकते हैं। 

अपरिष्कृत आंकड़े (Raw Data) सूचनाओं, आंकड़ों आदि के रूप में कम्प्यूटर को दिए जाने वाले आगम (Inputs) होते हैं। उदाहरण के लिए यदि हम किसी कक्षा में विद्यार्थियों की अंक तालिका बनानाचाहते हैं तो इसके लिए उन विद्यार्थियों के रोल नम्बर, नाम, कक्षा, विषय, प्राप्तांक आदि की आवश्यकता होगी। इन्हीं जानकारियों को अपरिष्कृत आंकड़े कहा जाता है।

कम्प्यूटर


चित्र 1.1

कम्प्यूटर कम्प्यूटर की किसी विशिष्ट भाषा में लिखे गए निर्देशों के समूह को प्रोग्राम (Program) कहते हैं कम्प्यूटर इन प्रोग्रामों द्वारा नियन्त्रित होते हैं। यहां भी हम अंक तालिका का उदाहरण लेते हैं। अंक तालिका निकालने के लिए भी एक प्रोग्राम बनाना पड़ता है। मान लीजिए इस प्रोग्राम में पहले निर्देश के अन्तर्गत रोल नम्बर भरना है, फिर नाम, फिर कक्षा और फिर अगले निर्देशों के अन्तर्गत विषय वार प्राप्तांक भरने हैं। उसके बाद वह प्रोग्राम पलक झपकते ही बिना किसी मानवीय श्रम के सभी प्राप्तांको का योग, प्रतिशत, श्रेणी, वरीयता क्रमांक आदि जानकारियाँ दे देगा। अर्थपूर्ण सूचनाए (Meaningful Information) कम्प्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से प्राप्त होने वाले वे परिणाम है जिनसे कोई अर्थ निकलता हो तथा वे उपयोगी हो। अर्थपूर्ण सूचनाए अव्यवस्थित, एकाकी, मूल आंकड़ों का व्यवस्थित रूप है। उदाहरण के लिए अंक तालिका में जब परिणाम के रूप में प्राप्ताकों का योग, प्रतिशत, श्रेणी, वरीयता क्रमांक आदि निकालते हैं तो इन्हें अर्थपूर्ण सूचनाएं कहा जाता है। 


कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Characteristics of Computer)

 कम्प्यूटर आधुनिक युग के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आइए देखें कि कम्प्यूटर में ऐसी कौन सी विशेषताएँ हैं जो इसे इतना महत्वपूर्ण बना रही है। कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं: 

1. गति (Speed) कम्प्यूटर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। वह जटिल से जटिल गणनाओं को भी कुछ सैकण्डों में हल कर देता है। एक पर्सनल कम्प्यूटर अरबों गणनाओं को एक सैकण्ड से भी कम समय में कर सकता है। किसी कार्य को यदि कम्प्यूटर एक मिनट में पूरा करता है तो इस कार्य को मानव द्वारा पूरा करने में उसका सम्पूर्ण जीवन लग जाएगा।

 2 शुद्धता (Accuracy):कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम हमेशा शुद्ध होते हैं। कम्प्यूटर को एक बार सही निर्देश देने के बाद वह सारे परिणाम सही निकालता है। कम्प्यूटर कभी गलती नहीं करता। कम्प्यूटर से प्राप्त परिणामों में होने वाली गलतियाँ मानवीय गलतियों के कारण होती हैं। कम्प्यूटर में खराबी आने से या वाइरस आ जाने से भी वह गलत परिणाम निकाल सकता है। 

3. सक्षमता (Diligency) कम्प्यूटर कार्य करते-करते कभी भी थकता नहीं है तथा निरन्तर कई घंटे कार्य करने के बाद भी उसी एकाग्रता एवं गति के साथ कार्य करता रहता है।

 4. स्मरण शक्ति (Power of Remembering) कम्प्यूटर में भी मानव मस्तिष्क की तरह स्मरण शक्ति (Memory) होती है, जिसमें लाखों-करोड़ों आंकड़े (Data) संग्रह करके रखे जा सकते हैं। आवश्यकतानुसार इन आंकड़ों को कभी भी फिर से देखा जा सकता है।

 5. व्यापक उपयोगिता (Versatility) :- कम्प्यूटर का प्रयोग अनेक तरह के कार्यों में किया जाता है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, उद्योग, घर, कार्यालय, अनुसंधान, मौसम विज्ञान, मनोरंजन आदि अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। 

6. स्वचालन (Automation) कम्प्यूटर में स्वचालन का गुण होने से इसके प्रयोग से मानव श्रम एवं समय की बचत होती है।

 7. संग्रह क्षमता (Storage) :- कम्प्यूटर की संग्रह क्षमता बहुत अधिक होती है। इसमें लाखों-करोड़ों आंकड़े संग्रह करके रखे जा सकते हैं।

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